(चित्र साभार : जनसत्ता)
किसी के लिए कोई विशेषण
तत्काल न सूझे तो हम ‘अच्छा’ का प्रयोग करते हैं. यह समस्या निवारक शब्द जैसे
हमारी जीभ पर स्थायी निवास बनाए बैठा है. अकेला शब्द अनेक सद्गुणों को अपने में
समेटे हुए है और अपनी मिठास बिखेरकर माहौल को अच्छा बनाता है. आप अच्छे, आपका पद
अच्छा, स्वभाव अच्छा, कपड़े अच्छे, घर अच्छा, सब अच्छा-ही-अच्छा! अब यदि कहा जाए कि
छोटा-सा भोला-भाला यह शब्द कितना ही अच्छा हो, अपने आप में बड़ा उलझा हुआ है तो
अच्छे-अच्छों को शायद विश्वास न हो.
किसी भी शब्द की
व्युत्पत्ति ढूँढने के लिए हम पहले संस्कृत की ओर भागते हैं, सो इसका मूल भी
संस्कृत में दिखाई पड़ता है. संस्कृत में एक शब्द है ‘अच्छ’, जो हिंदी में ‘स्वच्छ’
शब्द में ज्यों-का-त्यों दिखाई पड़ता है. इसका मूल अर्थ है साफ़, निर्मल, पारदर्शी, ‘क्रिस्टल
क्लियर’ ! हिंदी में इसका बहुत अर्थ-विस्तार हुआ है. विशेषण के रूप में इसका
प्रयोग ऐसे अनेक संदर्भों में होता है जब किसी की प्रशंसा उसके कार्यों, गुणों या अन्य
बातों के लिए की जाती है. जैसे :
·
प्रशंसनीय या अनुकरणीय होने
पर : अच्छा विचार है आपका, अच्छे काम कीजिए, अच्छा स्वभाव हो तो मित्र बना लो,
अच्छा मित्र हितैषी भी होता है ...
·
देखने-सुनने में मन को
आनंदित/प्रसन्न करने वाला, मनोरंजक : अच्छा था कार्यक्रम, अच्छा संगीत, अच्छा
स्वर, अच्छी पेंटिंग, अच्छी धूप ...
·
खोट या मिलावट रहित, शुद्ध
: अच्छी मिठाई दीजिए, अच्छा देसी घी चाहिए, अच्छा सोना है इन गहनों में, अच्छा
मोती चमकदार होता है ...
·
गुणी, अनुभवी, विश्वसनीय : हमें
अच्छा डाक्टर मिल गया, अच्छे नागरिक बनिए, कोई अच्छा शिक्षक बताइए ...
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शुभ या कल्याणकारी : अच्छा
मुहूर्त है आज, अच्छा लग्न था, अच्छी साइत तो दस बजे की है,
लगता है आज दिन अच्छा है
...
·
लाभदायक, आनंददायक : अच्छा
लाभ कमाया, मिल गई अच्छी नौकरी?, अच्छे दिन कब आएँगे, अबके अच्छी फसल होगी ...
·
संतोषजनक, सुंदर, निर्दोष :
अच्छी बहू, अच्छा कुल, अच्छी लिखावट, अच्छा प्रश्न, अच्छा उत्तर ...
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गुण, दशा, स्थिति : अच्छा
आम (मीठा, ताज़ा), रोगी कुछ अच्छा है (दशा सुधर रही है), ‘वे समझते हैं कि बीमार का
हाल अच्छा है.’
·
पर्याप्त, बहुत : धंधे में
अच्छा मुनाफ़ा कमाया. मेरी आमदनी अच्छी है, अच्छे दाम मिलें तो बेच दूंगा.
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हितैषी/घनिष्ठता : वे हमारे
अच्छे संबंधी हैं. दोनों में अच्छी मित्रता है.
·
विपरीत भाव में : उसकी अच्छी
पिटाई हुई. (=बुरी तरह पीटा), अच्छा हाल बनाया उसका (=बुरा हाल बनाया)
अव्यय के रूप में भी अच्छा
की अर्थ-छबियाँ विविध हैं. कहीं यह किसी प्रोक्ति के भीतर अपने आप में स्वतंत्र
वाक्य होता है तो कहीं वाक्य का अंश बनकर विशेष अर्थ देता है. जैसे :
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ठीक,बेहतर : कैसे हैं आप?
अच्छा हूँ.
·
स्वीकृति : समय से खा लेना.
जी, अच्छा.
·
अविश्वास : उनका तो निधन हो
गया. अच्छा ... ?
·
विस्मय : अच्छा, आप भी नहीं
समझे मेरी बात!
·
बात प्रारंभ करने के लिए ;
अच्छा, आप पहले क्या करते थे?
·
विषय बदलने के लिए : अच्छा,
अब दूसरी बात पर आइए.
·
दशा, स्थिति : “वो समझते
हैं कि बीमार का हाल अच्छा है.” हाल अच्छा नहीं है उनका.
·
आभार का भाव : अच्छा याद
दिलाया आपने.
·
अपेक्षित स्वीकृति : चुपचाप
बैठे रहना, अच्छा?
कुछ शब्दों के साथ संयुक्त
होने पर यह विशेष अर्थ देता है. जैसे अच्छे-भले (योग्य, कुशल), अच्छा-खासा (विशेष,
ठीकठाक), अच्छे-अच्छों को (बड़े-बड़ों को). अच्छा से बने कुछ मजेदार मुहावरों पर भी
एक दृष्टि यहाँ डाली जा सकती है :
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अच्छा होना : 1.स्वस्थ होना
: मैं तो काढ़ा पीने से ही अच्छा हो गया. 2. व्यंग्य : अच्छा हुआ, तुम आगए! ( ‘आगए
हो तो झेलो’ वाला भाव) 3. सकुशल होना : अच्छे तो हो तुम लोग? जी, सब अच्छे हैं.
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अच्छा लगना (प्यारा लगना,
पसंद होना) ऋषभ को कृत्तिका अच्छी लगती है. उसे मुंबई अच्छा लगता है.
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