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गंज शब्द की व्युत्पत्ति और व्याप्ति



#गंज की व्युत्पत्ति और व्याप्ति

गंज शब्द की व्युत्पत्ति को लेकर हिंदी में दो मत हैं। एक के अनुसार यह शब्द भारत-ईरानी परिवार की पुरानी मीडियन भाषा का है और फ़ारसी के माध्यम से हिंदी तक पहुंचा है। दूसरे मत के अनुसार यह हिंदी का ही संस्कृत के माध्यम से आया हुआ शब्द "गञ्ज:' है जिसका अर्थ है भंडार, रत्न कोष, अन्न कोष।

शब्द की उत्पत्ति फ़ारसी گنج से हो या संस्कृत "गञ्ज" से, इसके योग से भारतीय स्थान नामों में बड़े रोचक संकर (hybrid) शब्द बने हैं। भारत भर में सैकड़ों गंज हैं। शायद ही कोई ऐसा शहर/कस्बा हो जहाँ कोई गंज न हो।
तत्सम शब्दों से: संयोगिता गंज, गौरी गंज;
तद्भव शब्दों से: मुट्ठीगंज, लोहार गंज, किशनगंज, सियागंज;
देशज शब्दों से: डोरी गंज, माल गंज
अंग्रेज़ी शब्दों से: कर्नलगंज, फारबिसगंज, मैक्लेओड गंज;
फ़ारसी शब्दों से: हज़रतगंज, हबीबगंज, रकाबगंज।

लखनऊ में एक प्रसिद्ध बाज़ार है हज़रतगंज, जो शाम को सैर-सपाटा करने वालों को बहुत प्रिय है। इससे एक शब्द बना लिया गया है "गंजिंग", जिसका अर्थ है हजरतगंज में घूमते हुए मस्ती करना। यदि आप लखनऊ में ही अमीनाबाद या चौक में मस्ती करते फिर रहे हैं तो अमिनाबादिंग, चौकिंग नहीं कह सकते।

महाराष्ट्र के लातूर शहर में 'गंज गोलाई' बड़ा बाज़ार है जहां शहर के सभी रास्ते गंज गोलाई तक पहुंच जाते है।

गंज से बने हुए स्थान नाम बड़े रोचक भी हैं। बिहार का नरकटियागंज सुनने में चाहे डरावना लगता हो किंतु सीधे साधे लोगों का शहर बताया जाता है। कहते हैं नरकट (नरकुल) घास काटकर बसाए जाने के कारण यह नाम पड़ा है।
इंदौर में मल्हार गंज नाम सुनकर लगता है यह किसी संगीत के बड़े कलाकार के कारण होगा या वहाँ कोई गाने-बजाने के उपकरण बनते-बिकते होंगे। पता चला कि यह नाम तो महाराजा मल्हार राव के कारण पड़ा है। और आप श्रीलाल शुक्ल के "राग दरबारी"के शिवपालगंज और गंजहों को कैसे भूल सकते हैं!



टिप्पणियाँ

  1. 🙏
    धन्यवाद। ट्विटर पर आपके द्वारा उल्लेख करने के बाद दुबारा पढ़ा। लग रहा है अभी संशोधन अपेक्षित है।

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  2. जी, अभी बढ़ना है। बाधाएँ आने से टीपें, नोट्स भी खो गए।

    जवाब देंहटाएं
  3. गंज जो भारत-ईरानी परिवार की पुरानी मीडियन भाषा का है और फ़ारसी के माध्यम से हिंदी तक पहुंचा है, उसका अर्थ बताने का कष्ट करें।

    जवाब देंहटाएं

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