एक राजनीति-कर्मी ने पुलिस-कर्मी को ठुल्ला कह दिया तो बड़ा बवाल मचा था। माननीय न्यायालय को भी कहना पड़ा था कि ठुल्ला शब्द किसी शब्दकोश में नहीं है। बाद में नेता जी ने इसके लिए माफ़ी माँगी थी और कहा था कि ये शब्द उन्होंने उन पुलिस कर्मियों के लिए इस्तेमाल किया था जो ग़रीबों को परेशान करते हैं।
शब्दकोश में चाहे अभी न हो, व्यवहार में यह आज से नहीं सैकड़ों वर्षों से, शायद हज़ारों वर्षों से अधिक पुराना है। ठुल्ला शब्द संस्कृत स्थूल, स्थूलक, स्थूर (मोटा, विशाल) से है। पालि और शौरसेनी प्राकृत में भी ठुल्ला, ठुल्लो इसी अर्थ में दोनों शब्द विद्यमान हैं जो अपभ्रंश में ठलिअ हो गया है। सिंधी, पहाड़ी, कुमाउँनी, गढ़वाली, नेपाली आदि अनेक भारतीय भाषाओं में ठुल्लो, ठुलो, ठुला के रूप में मौजूद है। पंजाबी में यह टुल्ला है।
उपमहाद्वीप से बाहर रोमानी भाषा में ठुलो, ठुली, ठुले तीनों मिलते हैं। पुरा-भारत-ईरानी Proto-Indo-Aryan के कल्पित रूप : *stʰuHrás से संस्कृत में स्थूर, स्थूल; प्राचीन दरद, खोवारी में स्थूर, ठुल, जर्मन में स्तूर stur हठी, मूर्ख (stubborn) के लिए है।
भारत में आमतौर पर पुलिस के तोंदिल, मोटे, भारी शरीर के कारण आए निठल्लेपन पर व्यंग्य के रूप में कभी ठुल्ला शब्द चल पड़ा होगा जो असम्मानजनक माना जाता है। यह भी संभव है कि ब्रिटिश सरकार की गोरी पुलिस की ऊँची, बड़ी कदकाठी के कारण उनके लिए यह देसी नाम चोर-उचक्कों, जुवारियों या ऐसे ही ग़ैरकानूनी काम करने वालों में चल पड़ा हो।
स्थूल का अर्थ मोटा, बड़े आकार का ही नहीं, मोटी अकल का, हठी और बुद्धू भी है। हिंदी का ठाला, निठल्ला, ठलुवा, ठुल्ला,ठाली (बैठे-ठाले) आदि शब्द इसी स्थूल से विकसित हुए हैं। रात-दिन अपने कर्तव्य पालन में लगे पुलिस कर्मी को यदि आप स्थूल परिवार का ऐसा विशेषण दें तो उसे बुरा लगना ही चाहिए।
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[इसका PIA मार्ग यहाँ देखा जा सकता है:
https://en.m.wiktionary.org/wiki/Reconstruction:Proto-Indo-Iranian/st%CA%B0uHr%C3%A1s ]
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