बधाई और शुभकामना
बधाई शब्द संस्कृत वर्धापन (वृद्धि, बढ़ती) से विकसित है। विशेष पर्व (होली, दिवाली) उत्सव (विवाह, जन्म, पदोन्नति) समारोह (अवार्ड, सफलता, जीत) आदि बधाई (मुबारक़बाद कांग्रेचुलेशन) के अवसर हैं। बधाई मौखिक, संदेश के रूप में या कुछ उपहारों के साथ भी दी जा सकती है।
शुभ कार्य होने पर बधाई के रूप में कुछ भेंट, पुरस्कार या नेग भी दिया-लिया जाता है,"दुवन्नी ले ले ननदी, लल्ला की बधाई!"
शुभकामना भला होने, होते रहने की कामना है और भविष्य के लिये होती है।बधाई विगत/वर्तमान की उपलब्धि, उत्सव, मंगलकार्य पर दी जाती है, शुभकामना प्रारंभ होने से पूर्व।
बधाई के साथ शुभकामनाएँ भी दी जा सकती हैं कि भविष्य में भी ऐसा शुभ होता रहे।दूसरे शब्दों में शुभकामना किसी कृत्य या कार्यक्रम के पूर्व दी जाती है।
कोई परीक्षा देने जा रहा है तो शुभकामनाएँ देंगे, सफल हो जाने पर बधाई। कोई तीर्थ यात्रा पर जा रहा हो तो शुभकामनाएँ, सफलता पूर्वक यात्रा पूरी कर ली तो बधाई।
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