मोहल्ला/मुहल्ला/महल्ला के बारे में मेरे मित्रों की राय अलग-अलग है। शर्मा जी कहते है जहाँ मोहग्रस्त लोग हल्ला मचाएँ वह मोहल्ला! जावेद मियां बोले जहाँ मारे हल्ले के दो घड़ी शांति मिलना मुहाल हो वह मुहल्ला। इनकी पीड़ा मैं समझ सकता हूँ, आख़िर हूँ तो उसी मुहल्ले का। लेकिन शब्द है तो उसका कोई स्रोत, कोई अर्थ होना चाहिए। इतना सतही अर्थ तो नहीँ हो सकता इतने गुलज़ार मोहल्ले का! मुझे याद आया प्रो.चतुर्वेदी बड़ी शान से बताते हैं कि वे मथुरा के बड़े महाल के चौबे हैं! मुझे लगा महाल और महल में आपस में भाईचारा तो नहीं। महल अर्थात भव्यता और शानोशौकत वाला विशाल भवन। पर इस महल शब्द के ईंट-गारे का स्रोत क्या है? संस्कृत में एक शब्द है महालय जो दो शब्दों से बना है महा आलय (विशाल भवन)। तो यह व्युत्पत्ति आसान है महा+आलय > महालय > महाल > महल और महलों वाली बस्ती महल्ला। लेकिन संस्कृत कोष खोला तो लगा फिर बड़े इमामबाड़े की भूलभुलैया में फँस गए। आप्टे ने "महल्ल" को संस्कृत महत् +ल से सिद्ध तो किया है लेकिन इसे अरबी मूल का बताया। "महल्ल:" का अर्थ दिया है महल, रनिवास और "महल्लक:"...
कुल व्यू
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