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पाव रोटी, डबल रोटी और सैंडविच

किसी कवि ने रोटी को चंद्रमा माना था, ऐसा चंद्रमा जो बादलों के पार रहता है और यहाँ भूखे उसका इन्तज़ार कर रहे होते हैं पर वह उनके हाथ लगता नहीं है। यूं रोटियों की गिनती किसी न किसी संख्या में ही होती है किंतु कभी-कभी लाक्षणिकता में कह दिया जाता है- "एक-आध रोटी मिल जाती है"। एक-आध रोटी मिलना मुहावरा है जिसका तात्पर्य एक रोटी, आधी रोटी या एक और आधी अर्थात् डेढ़ रोटी से नहीं होता, 'कुछ' रोटियों से होता है। रोटी से जुड़े दो संख्यावाचक विशेषण बड़े लोकप्रिय हैं और जितने लोकप्रिय हैं उतने ही उलझाने वाले भी। वे हैं- "पाव" (1/4) और "डबल" (1+1)। रोटी, बड़ी छोटी जैसी भी हो, सिंकेगी तो पूरी ही। वह पाव या डबल कैसे हो सकती है!  यह तो हम जानते हैं कि पाव रोटी या डबल रोटी तवे या तंदूर में सिँकी भारतीय रोटियाँ नहीं हैं। ये रोटियाँ ख़मीर से फुलाए गए आटे से बनती हैं और 'लोफ़' या 'ब्रेड' नाम के साथ यूरोप से  यहाँ पहुँची हैं। हाँ, इनके साथ पाव या डबल विशेषण जोड़कर इन्हें संकर शब्द बनाने का श्रेय भारत को ही जाएगा। अब पहले पावरोटी। ईसाई धर्म में

लूट सके तो लूट

क्लाइव जब भारत से अकूत धन-संपदा, हीरे-जवाहरात लूट कर 1760 में लंदन पहुँचा तो उसके साथ अंग्रेजी भाषा को भी एक नया शब्द मिला 'लूट'(loot) जिसका पहला आधिकारिक उल्लेख चार्ल जेम्स की "Military Dictionary" (1802) में मिलता है। लूटना संस्कृत √लुण्ट् (चुराना, छीनना) से व्युत्पन्न लगता है। लुण्टति > प्रा. लुट्टइ, (ब्रज/अवधी लूटै) लूटता है। लूट, लुटेरा, लूटपाट, लुंठ, लुंठन इसी परिवार के शब्द हैं।√लुप् + त्रन् - लोप्त्र का अर्थसाम्य (stolen property, plunder, booty)  अधिक निकट लगता है। इसलिए चार्ल जेम्स और हॉब्सनजॉब्सन ने इसे लोप्त्र, लोप्त्रन से माना। किंतु मैक्ग्रेगर और टर्नर ने भी प्राकृत luṭṭaï [*luṭṭati] (to plunder, loot, rob) से माना है।

मटरगश्ती

माना मौसम मटर का आ गया, लेकिन बाज़ार में बिकने वाली या खेत में उगने वाली मटर से मटरगश्ती शब्द का कोई प्रत्यक्ष या परोक्ष संबंध नहीं है। ऐसा कुछ नहीं है कि लोग मटर खाकर मटरगश्ती करते हों या मटर के खेतों में मटरगश्ती होती हो।  मटरगश्ती का पूर्व पद "मटर" सब्जी वाला मटर नहीं है। यह पश्तो से आगत शब्द माना जाता है, किंतु इसका मूल संस्कृत "मूत्र" से मालूम पड़ता है। पश्तो متړ (mataṛ / mutaṟṟ) का आशय है - महामूर्ख, डॉल्ट, बिस्तर पर मूत्र करने वाला, pissabed। पहाड़ी में कहें तो 'मुतुवा'।  दूसरा पद 'गश्ती' फ़ारसी की गश्तन क्रिया से बना है जिसका अर्थ है डोलना, घूमना फिरना, चक्कर लगाना, रखवाली करना। गश्त अर्थात सैर सपाटा, मनोरंजन के लिए घूमना फिरना, भ्रमण, चक्कर, टहलना , दंगा आदि को रोकने के लिए किसी अधिकारी का किसी क्षेत्र में अथवा उसके चारों ओर घूमना ।गश्ती (विशेषण) चारों ओर गश्त लगाने वाला। जगह-जगह घूमता-फिरता रहने वाला। जैसे-गश्ती पुलिस।मटर और गश्ती दोनों को मिलाकर बना मटरगश्ती अर्थात मटरगश्त होने की अवस्था या भाव। केवल मस्ती के लिए निरुद्देश्य घूमना। डोलते