संरचना की दृष्टि से संस्कृत की √भू धातु से क्त प्रत्यय जोड़ने पर भूत शब्द बनता है जो अनेक अर्थों में प्रयुक्त होता है। पुरा भारोपीय में यह *bʰuH-tó-s है जिसे *bʰuH- (“to be”) से निष्पन्न माना गया है। फ़ारसी में यह बुहता है और अवेस्ता में बूता। हिंदी में यह भूत प्रायः संज्ञा/विशेषण के रूप में प्रयुक्त है- 'जो था' के अर्थ में। भारतीय मान्यता के अनुसार संपूर्ण विश्व पांच महाभूतों से बना है - पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश। हमारा शरीर भी प्रकृति के इन पांच मूल तत्वों से बना है। ये पंचमहाभूत हमारी पंचेंद्रियों-घ्रणा, स्वाद, श्रवण,स्पर्श और दृष्टि से भी संबंधित हैं। इसी भूत शब्द से भौतिक शास्त्र (भौतिक विज्ञान, भौतिकी) बनता है जो इन भूतों (मैटर) का, उनके प्रकृति गुण आदि का अध्ययन करता है। इन भौतिक गुणों में ही हैं पदार्थ के आकार, रंग, द्रव्यमान आदि। यों भूत प्राणिमात्र के लिए प्रयुक्त होता है जो सजीव हैं, पंचमहाभूतों से निर्मित हैं। इसीलिए इस शब्द का एक अर्थ संसार भी है क्योंकि वे प्राणी इस संसार में संसरण करते हैं। प्राणिमात्र की आत्मा होने के कारण ही विष्ण...
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