घुटती घुट्टी ••• आप -हममें बूढ़ी या बुढ़ाती पीढ़ी के बहुत से लोग घर पर दादी-नानी की बनाई घुट्टी पीकर ही बड़े हुए हैं। घुट्टी कुछ आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का मीठा काढ़ा होता है जो शिशु की पाचन संबंधी समस्याओं, गैस, पेट दर्द, अपच आदि में लाभदायक होता है। इसके मुख्य घटक हैं - हरड़, बहेड़ा, अश्वगंधा, अतिविष, गरुड़शेंग, जायफल, हल्दी की जड़, सौंठ, खारिक, बादाम, मुलेठी, वेखंड, काकड़शिंगी, स्वर्ण पत्री आदि। बाज़ार में बाल जीवन घुट्टी या मुगली घुट्टी 555 बहुत लोकप्रिय रही हैं, यद्यपि अनेक घरानों ने इस व्यवसाय में हाथ आजमाया है। घुट्टी की व्युत्पत्ति इस प्रकार है। शौरसेनी प्राकृत घुट्ट > घूँट (सं.)> घुटकना (क्रि.) = घूँट- घूँट करके पीना > घुट्टी (जो घूँट- घूँट करके पी जाती है।) घुट्टी पर आधारित कुछ मुहावरे भी हिंदी/उर्दू में हैं। घुट्टी में मिलना अर्थात् बचपन से किसी बात का आदी होना, स्वभाव में होना। घुट्टी पिलाना = सिखा-पढ़ा देना, फुसला लेना घुट्टी में होना = जन्मजात स्वभाव घुट्टी में डालना = बचपन से अभ्यस्त बनाना। अब नई माएँ नए डॉक्टरों के परामर्श से घुट्टी से परहेज़ करने लगी है...
कुल व्यू
||वागर्थाविव सम्पृक्तौ वागर्थ प्रतिपत्तये ||
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