मोदी जी का भाषाई योगदान नरेंद्र दामोदर दास मोदी देश के चौदहवें पंत प्रधान (प्रधानमंत्री) हैं। उनकी कार्यशैली अपने पूर्ववर्ती सभी प्रधानमंत्रियों की तुलना में काफी भिन्न है। वे कई मानों में “सर्वप्रथम” होंगे। उनमें से एक है उनका भाषाई योगदान। नये-नये नारे गढ़ना, नये संयुक्ताक्षर सुझाना, पदबंधों की अपने तरीके से पुनर्व्याख्या करना, नए नामकरण आदि उनकी विशेषताएँ हैं। मैं नहीं समझता कि किसी और प्रधान मंत्री ने ऐसी प्रत्युत्पन्न मति पाई हो या ऐसा करने का विचार उन्हें सूझा भी हो। इस दिशा में हिंदी-अंग्रेजी दोनों में उनके “योगदान” का संक्षिप्त उल्लेख यहां पर करना समीचीन होगा: दिव्यांग तथा ब्रेन गेन किसी के विकल अंग को दिव्य कहना यद्यपि उसका उपहास करना है किंतु चूँकि यह मोदी जी का भाषिक प्रयोग था इसलिए दिव्यांग शब्द सरकार द्वारा अपनाया गया और चल पड़ा। इस शब्द के अतिरिक्त कितने और शब्दों का योगदान उन्होंने किया मुझे नही मालूम। एक और शब्द याद आ रहा है - “ब्रेन गेन” (Brain Gain) जो “ब्रेन ड्रेन” (Brain Drain) के ठीक उलट अर्थ वाली प्रक्रिया को दर्शाने के लिए सुझाया गया था...
कुल व्यू
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