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"जी" अव्यय: व्युत्पत्ति और प्रयोग

जी :  جی


व्युत्पत्ति

संस्कृत "जीव" (√जीव् + क) ( जीवति वाला) <> जिव्व, जिव (प्राकृत) > जी (हिंदी) > जीउ, जियू, जू (राजस्थानी) > ज्यू (कुमाउँनी)। असमी জীউ ।

प्रयोग की कुछ दिशाएँ

१. आदरसूचक अव्यय (लिंग निरपेक्ष)

~ ~ नाम, उपनाम, पद के साथ  स्वतंत्र -- राम जी, सीता जी, नरेश जी,【माता जी, पिता जी (संबोधन में)】, लाला जी, मुंशी जी, नेता जी।

~ कुछ रिश्तों के साथ (संदर्भ देते हुए) जोड़कर -- मेरे पिताजी, जया की माताजी


~ कुछ प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों के साथ जुड़कर (विकल्प से) -- गांधीजी, रामजी

( इसे भी देखें : http://vagarth.blogspot.com/2017/08/blog-post_24.html?m=1 )


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