धाँसू और घोंचू
मुंबइया हिंदी में बढ़िया के लिए प्रचलित हैं - झकास / धाँसू / कड़क / ढिंचेक / रापचिक।
इनमें "धाँसू" की अर्थ छबियाँ बहुत हैं। यह बढ़िया, शानदार, आकर्षक, तड़क-भड़क वाला, बलिष्ठ, तगड़ा गज़ब का, अनुपम आदि अर्थों में प्रयुक्त होता है। अंग्रेजी में great/wonderful/brilliant/gorgeous/stunning/super/formidable इत्यादि के लिए विशेषकर युवा पीढ़ी द्वारा प्रयोग किया जाता है।
***
"घोंचू" देशज (अज्ञात व्युत्पत्तिक) शब्द है जिसका अर्थ है निपट मूर्ख, नासमझ। घोंचा (बैल) से बना विशेषण है घोंचू।
मूर्ख को लक्षणा में गधा या बैल के रूपक से संकेत किया जाता है। संस्कृत में प्रसिद्ध उक्ति है "गौर्वाहीकः"। अर्थात् वाहीक देश के लोग बैल होते हैं।
शब्द-विवेक : राजनीतिक या राजनैतिक वस्तुतः राजनीति के शब्दकोशीय अर्थ हैं राज्य, राजा या प्रशासन से संबंधित नीति। अब चूँकि आज राजा जैसी कोई संकल्पना नहीं रही, इसलिए इसका सीधा अर्थ हुआ राज्य प्रशासन से संबंधित नीति, नियम व्यवस्था या चलन। आज बदलते समय में राजनीति शब्द में अर्थापकर्ष भी देखा जा सकता है। जैसे: 1. मुझसे राजनीति मत खेलो। 2. खिलाड़ियों के चयन में राजनीति साफ दिखाई पड़ती है। 3. राजनीति में कोई किसी का नहीं होता। 4. राजनीति में सीधे-सच्चे आदमी का क्या काम। उपर्युक्त प्रकार के वाक्यों में राजनीति छल, कपट, चालाकी, धूर्तता, धोखाधड़ी के निकट बैठती है और नैतिकता से उसका दूर का संबंध भी नहीं दिखाई पड़ता। जब आप कहते हैं कि आप राजनीति से दूर रहना चाहते हैं तो आपका आशय यही होता है कि आप ऐसे किसी पचड़े में नहीं पड़ना चाहते जो आपके लिए आगे चलकर कटु अनुभवों का आधार बने। इस प्रकार की अनेक अर्थ-छवियां शब्दकोशीय राजनीति में नहीं हैं, व्यावहारिक राजनीति में स्पष्ट हैं। व्याकरण के अनुसार शब्द रचना की दृष्टि से देखें। नीति के साथ विशेषण बनाने वाले -इक (सं ठक्) प्रत्यय पहले जोड़ लें तो शब्द बनेगा नै...
सुन्दर सराहनीय जानकारी 🙏🏻
जवाब देंहटाएंधन्यवाद।
हटाएं