कई-कईयों, बहुत-बहुतों, सब-सबों, अनेक-अनेकों अर्थ के स्तर पर एक से हैं। 'अनेक' शिष्ट प्रयोग में अधिक मिलता है, आम जन इसके स्थान पर 'कई' का चुनाव करते हैं। व्याकरण की दृष्टि से इन्हें कुछ लोग विकृत/अशुद्ध रूमानते हैं क्योंकि ये स्वयं में बहुवाची शब्द हैं तो बहुवचन का अतिरिक्त प्रत्यय '-ओं' क्यों?
यह भी तर्क है कि '-ओं' प्रत्यय न केवल बहुवचन का संकेत करता है, वरन उस कथन पर कुछ बल भी देता है। जैसे: दस बुलाए, दसों आए। इसी आधार पर कहा जाता है कि जब दस का दसों, सौ का सैकड़ों, लाख का लाखों आदि हो सकते हैं तो अनेक का अनेकों क्यों नहीं हो सकता!
"अनेक" शब्द प्रयोग की दृष्टि से परिमाणवाचक विशेषण के समकक्ष है। संज्ञा के साथ अन्वित होकर तिर्यक रूप में भी प्रयोग किया जा सकता है, जैसे:
मैंने अनेकों मतदाताओं से बात की।
और बिना तिर्यक रूप के भी, जैसे:
अनेक डॉक्टरों से परामर्श किया।
कुछ लोग "कई लोगों का कहना है" कहने के बदले "कइयों का कहना है" कहते हैं। यही बात बहुतों के साथ भी है। हाँ, "सबों" का प्रयोग कम देखा गया है।
बहुतों, कइयों, अनेकों आदि चाहे मानक न हों, व्यवहार में स्वीकृत हो चुके हैं।
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