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घर-बार का 'बार' संस्कृत द्वार अथवा वारक (रोकने वाला, रुकावट) से है, अर्थ है दरवाज़ा।
बरोठा, बारजा इसी से हैं। विवाह में 'बार रोकाई' नाम से एक लोकाचार प्रचलित है जिसमें नव विवाहित वर-वधू को दरवाज़े के पास रोककर कुछ कर्मकांड किया जाता है। बहन अपने भाई-भाभी को विवाह के बाद घर में प्रवेश करने से पहले दरवाज़े पर रोक कर नेग माँगती है।
उन मित्रों के लिए यह बात और भी महत्त्वपूर्ण है जो शाम होते-होते घर को अंग्रेजी वाला 'बार' समझ लेते हैं, और ईश्वर न करें, कुछ ऐसा-वैसा या ऊँच-नीच हो जाए तो बात विधि विशेषज्ञों के बार तक पहुँच जाती है।
हमारा काम था आपको बताना, अब हम बार-बार तो समझाने से रहे!
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