संभल और सँभल भिन्न शब्द हैं और अनुस्वार (ं )। अनुनासिक (ँ ) समझने के लिए बड़े उपयुक्त उदाहरण हैं! संभल उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद जिले का एक शहर है जो आजकल चर्चा में है।
सँभल/ सँभाल संस्कृत संभरण (सँभलना) से है, जिसका अर्थ है गिरने फिसलने चोट आदि से बचना, सावधान रहना।
ं और ँ के प्रयोग को न समझने से अर्थ में भ्रम हो सकता है।
लगभग समान ध्वनियों का एक अन्य शब्द है संबल अर्थात सहारा। सरसरी दृष्टि में संभल का महाप्राण /भ/ अल्पप्राण /ब/ में बदल गया है। संबल संभार से है और इसका मूल अर्थ है पाथेय, यात्रा के लिए सामग्री। मार्गव्यय। कुछ नए शब्द (neonyms) बनाए गए हैं- सम्बलन (enforcement ) सम्बलित (reinforced). इनका मूल बल (force) है।
इसी संबल से कुमाउँनी में एक शब्द है 'सामल'। सामलै' पुन्थुरि , रास्ते के लिए सामग्री की पोटली।
देशज शब्द 'सब्बल' (गदाला, Crowbar) भिन्न है। सब्बल लोहे एक उपकरण है जिसका उपयोग चट्टान तोड़ने, खुदाई, निर्माण और बागवानी से जुड़े कई कामों में किया जाता है.
शब्द-विवेक : राजनीतिक या राजनैतिक वस्तुतः राजनीति के शब्दकोशीय अर्थ हैं राज्य, राजा या प्रशासन से संबंधित नीति। अब चूँकि आज राजा जैसी कोई संकल्पना नहीं रही, इसलिए इसका सीधा अर्थ हुआ राज्य प्रशासन से संबंधित नीति, नियम व्यवस्था या चलन। आज बदलते समय में राजनीति शब्द में अर्थापकर्ष भी देखा जा सकता है। जैसे: 1. मुझसे राजनीति मत खेलो। 2. खिलाड़ियों के चयन में राजनीति साफ दिखाई पड़ती है। 3. राजनीति में कोई किसी का नहीं होता। 4. राजनीति में सीधे-सच्चे आदमी का क्या काम। उपर्युक्त प्रकार के वाक्यों में राजनीति छल, कपट, चालाकी, धूर्तता, धोखाधड़ी के निकट बैठती है और नैतिकता से उसका दूर का संबंध भी नहीं दिखाई पड़ता। जब आप कहते हैं कि आप राजनीति से दूर रहना चाहते हैं तो आपका आशय यही होता है कि आप ऐसे किसी पचड़े में नहीं पड़ना चाहते जो आपके लिए आगे चलकर कटु अनुभवों का आधार बने। इस प्रकार की अनेक अर्थ-छवियां शब्दकोशीय राजनीति में नहीं हैं, व्यावहारिक राजनीति में स्पष्ट हैं। व्याकरण के अनुसार शब्द रचना की दृष्टि से देखें। नीति के साथ विशेषण बनाने वाले -इक (सं ठक्) प्रत्यय पहले जोड़ लें तो शब्द बनेगा नै...
Gyanvardhak lekh.
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