पाजी
संस्कृत मूलक शब्द है। अर्थ है: दुष्ट, लुच्चा, ढीठ, बदमाश। पामर, अधम, नीच, धूर्त। इसे कुछ विद्वान संस्कृत पद्य (पैर संबंधी) से मानते हैं, इस तर्क पर कि पद्य/पदाति (पैदल सैनिक) पहले लूटपाट आदि से लोगों को कष्ट पहुंचाते थे। इसलिए पाजी का अर्थ दुष्ट हो गया।
पद्य (पैदल) से पाजी लाक्षणिक अर्थ में लगता है, यह मानने पर कि पैदल सिपाही लूटपाट किया करते थे, जबकि संस्कृत में पाय्य का शाब्दिक अर्थ ही दुष्ट है।
पुरानी कुमाउँनी में एक संज्ञा शब्द मिलता है - पाजा (=झगड़ा, बखेड़ा)। पाजा से विशेषण बनता है, पाजी (झगड़ालू, ठग)। नेपाली में भी यह शब्द है- 'पाजा गर्नु' (to cheat: Turner)।
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